सीबीआई विवाद / आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकती है सुनवाई, छुट्टी पर भेजने का किया था विरोध

  • वर्मा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जांच रिपोर्ट पेश कर चुका है केंद्रीय सतर्कता आयोग
  • आयोग की जांच रिपोर्ट पर वर्मा ने भी अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया था
  • स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर घूस लेने का आरोप, अस्थाना ने वर्मा पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था
  • केंद्र ने 23 अक्टूबर को वर्मा और अस्थाना को जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेजा था
  • नई दिल्ली. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की ओर से उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच के बाद सीलबंद लिफाफे में वर्मा ने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया था। अदालत वर्मा के जवाब पर भी विचार कर सकती है। वर्मा के अलावा सीबीआई के कार्यकारी निदेशक एम नागेश्वर राव ने भी 23 से 26 अक्टूबर के बीच लिए गए फैसलों पर बंद लिफाफे में अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था। 

    वर्मा की याचिका के अलावा सुप्रीम कोर्ट एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर भी सुनवाई कर सकता है। एनजीओ ने सीबीआई अफसरों के खिलाफ आरोपों पर स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम से जांच कराए जाने की मांग की थी। 

    अस्थाना से जुड़ी केस फाइल देख सकते हैं वर्मा
    इस बीच बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आलोक वर्मा और संयुक्त निदेशक एके शर्मा को इजाजत दी कि वे सीवीसी दफ्तर में स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के मामले की फाइल देख सकते हैं। ये दस्तावेज सीवीसी के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच के लिए भेजे गए हैं। इसके अलावा अदालत ने राकेश अस्थाना के खिलाफ कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को 7 दिसंबर तक बढ़ा दिया।

    वर्मा का जवाब लीक होने पर नाराज हुई थी अदालत
    वर्मा की याचिका पर पिछली सुनवाई 20 नवंबर को हुई थी। अदालत ने वर्मा का जवाब लीक होने पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि आप लोगों में से कोई भी सुनवाई के लायक नहीं है।

    माेइन कुरैशी के मामले की जांच से शुरू हुआ रिश्वतखोरी विवाद
    1984 आईपीएस बैच के गुजरात कैडर के अफसर अस्थाना मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। कुरैशी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग को आरोपों में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान हैदराबाद का सतीश बाबू सना भी घेरे में आया। एजेंसी 50 लाख रुपए के ट्रांजैक्शन के मामले में उसके खिलाफ जांच कर रही थी। सना ने सीबीआई चीफ को भेजी शिकायत में कहा कि अस्थाना ने इस मामले में उसे क्लीन चिट देने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे थे। इनमें 3 करोड़ एडवांस दिए गए। 2 करोड़ रुपए बाद में देने थे। वहीं, अस्थाना का आरोप है कि सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने ही 2 करोड़ रुपए की घूस ली।

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